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SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज)

Better ULIP Plan SBI Life Smart Privilege in Hindi एस.बी.आई. लाइफ स्मार्ट प्रिविलेज

विषयसूची / Table of Contents

SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) का परिचय 

SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) एक यूनिट लिंक (जिस पॉलिसी का निवेश बाज़ार में होता है, अब ये निवेश किस फण्ड में होगा ये ग्राहक के जोखिम लेने की क्षमता  और रिटर्न की अपेक्षा पर निर्भर करता है) स्मार्ट प्रिविलेज में  सीमित , नियमित और एकल भुगतान का विकल्प उपलब्ध है, जो कि आपके भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बनाया गया है |

SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) की मुख्य बातें

  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार की आर्थिक जरूरतों का ध्यान रखने के लिए एक बेहतरीन उत्पाद है |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में छठवे साल से किसी भी तरह का एलोकेशन चार्ज नहीं लगता |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में छटवें साल से लोयालिती एडिशन के रूप में अतिरिक्त लाभ |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में आंशिक निकासी के द्वारा तरलता सुनिश्चित करने का विकल्प |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में मृत्यु लाभ को सेटलमेंट यानि कि 2 से 5 साल की किश्तों में लेने का विकल्प उपलब्ध है | निकासी के द्वारा तरलता सुनिश्चित करने का विकल्प |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में पूरी पालिसी अवधि के लिए पालिसी एडमिनिस्ट्रेटर चार्ज नहीं लगता है |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) प्लान में बीमा कवर के साथ-साथ बाज़ार आधारित रिटर्न, दोनों का लाभ एक साथ लेंने का विकल्प उपलब्ध है।
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) चूंकि एक यूनिट-लिंक प्लान है जिसमे प्रीमियम का निवेश बाज़ार में ग्राहक की जोखिम लेने की सामर्थ पर निर्भर करता है, इसके लिए SBI life ने विभिन्न जोखिम स्तर के 11 अलग-अलग फण्ड उपलब्ध कराये है | ताकि हर ग्राहक अपनी जरूरत और निवेश जोखिम के हिसाब से अपनी पसंद का फण्ड चुन सकें।
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में दिए गये सारे प्रीमियमो पर आपको आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर लाभ मिलता है ।
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) के अंतर्गत मिलने वाले परिपक्वता राशि आय कर के नियमानुसार छूट का प्रावधान |
  • SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) में प्रीमियम भुगतान के चार विकल्प ही उपलब्ध है और वो है सालाना / छमाही / तिमाही और मासिक है  या फिर आप एकल / सिंगल प्रीमियम का चुनाव भी कर सकते है |
  • 15 दिन तक का फ्री-लुक पीरियड उपलब्ध । इस अवधि में अगर आपको बताई गई और पॉलिसी बांड में लिखी शर्तो में यदि समानता न हो तो आप पॉलिसी को वापस कर सकते है ।

आपने भी किसी न किसी एजेंट से कोई पालिसी ली ही होगी, और आप उस पॉलिसी को चला भी रहे होंगे….. पर अगर आप अपनी उस पॉलिसी की खूबियों के बारे में भूल गए है तो आप यहाँ क्लिक करके हमसे पूछ सकते है | ये मुफ्त सेवा है ……

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उत्पाद का प्रकार

SBI Life Smart Privilege (स्मार्ट प्रिविलेज) एक बाज़ार आधारित यूनिट लिंक बीमा योजना है |

प्लान लेने के चरण

स्टेप 1 पालिसी टर्म का चुनाव करिए, जिस अवधि के लिए आपको सुरक्षा चाहिए | (पालिसी की शर्तो की लिमिट में )

स्टेप 2 प्रीमियम राशि का चुनाव करिए |

स्टेप 2 पालिसी  में उपलब्ध  11 फंड्स में से अपनी जोखिम लेने कि क्षमता के अनुसार एक या ज्यादा फंड्स का चुनाव करिए |

स्टेप 3 अपने एजेंट को जरूरी डाक्यूमेंट्स और पेमेंट कीजिये (ध्यान रखिये कि SBI लाइफ कभी भी नगद / कैश भुगतान स्वीकार नहीं करती है ) आपका बीमा हो जायेगा |

SBI की साईट से जाकर इसे समझने के लिए यहाँ क्लिक करिए

कौन ले सकता है ये योजना

प्लान पैरामीटर

प्रवेश आयु

नियमित  और सीमित   भुगतान पालिसी के लिए न्यूनतम  8 साल अधिकतम 55 साल  तक  |

सिंगल प्रीमियम भुगतान पालिसी के लिए  न्यूनतम 13 साल अधिकतम 55 साल  तक  |

परिपक्वता पर अधिकतम आयु

परिपक्वता पर  न्यूनतम आयु 18 साल और  अधिकतम आयु 70 साल तक हो सकती है |

बीमा धन

स्मार्ट प्रिविलेज चूँकि यूलिप प्लान है इसलिए इसमें बीमा धन का निर्धारण चुकाए गए प्रीमियम पर निर्भर करता है | सीमित और नियमित भुगतान के लिए ये सालाना प्रीमियम का 7 गुना होता है जबकि सिंगल प्रीमियम में ये सिंगल प्रीमियम का 1.25% होगा |

प्रीमियम राशि

सिंगल प्रीमियम भुगतान में न्यूनतम  प्रीमियम की सीमा 6,00,000 है , पर अधिकतम प्रीमियम पर वेल्थ बिल्डर  प्लान की  तरह की कोई सीमा नहीं है |

सीमित  और नियमित प्रीमियम भुगतान में न्यूनतम  6,00,000 सालाना, अधिकतम प्रीमियम की कोई सीमा नहीं  है |

प्रीमियम बारंबारता

इस योजना मे प्रीमियम भुगतान के लिए सालाना / छमाही / तिमाही और मासिक भुगतान का  विकल्प उपलब्ध है | साथ ही सिंगल प्रीमियम भी लिया जा सकता है |

पालिसी अवधि

स्मार्ट प्रिविलेज में  न्यूनतम  5 साल के सीमित भुगतान अवधि के लिए पालिसी टर्म / अवधि न्यूनतम 10 साल  और अधिकतम पालिसी टर्म 30 साल की हो सकती है |

जबकि  अधिकतम सिमित भुगतान पालिसी अवधि से 1 साल कम तक कुछ भी हो सकता है के सीमित भुगतान अवधि के लिए पालिसी टर्म / अवधि न्यूनतम 10 साल  और अधिकतम पालिसी टर्म 30 साल की हो सकती है |

और नियमित  भुगतान अवधि के लिए पालिसी टर्म / अवधि न्यूनतम 10 साल  और अधिकतम पालिसी टर्म 30 साल की हो सकती है |

और एकल प्रीमियम के लिए  पालिसी टर्म / अवधि न्यूनतम  05 साल  और अधिकतम पालिसी टर्म 30 साल की हो सकती है |

प्रीमियम भुगतान अवधि

स्मार्ट प्रिविलेज में सिंगल या एकल प्रीमियम के साथ-साथ सीमित और नियमित भुगतान का विकल्प उपलब्ध है ।                                                                      सिंगल यानि कि पूरी पालिसी अवधि के लिए एक बार ही प्रीमियम देना है | सीमित प्रीमियम में  न्यूनतम 5 साल और अधिकतम पालिसी टर्म से एक साल कम के प्रीमियम विकल्प उपलब्ध है, और  नियमित प्रीमियम विकल्प में  पालिसी टर्म के बराबर तक प्रीमियम का भुगतान करना होता है |

उत्तरजीविता लाभ

स्मार्ट प्रिविलेज में उत्तरजीविता लाभ नहीं होता है | उत्तरजीविता लाभ का मतलब होता है कि परिपक्वता से पहिले भी कुछ धनराशि मिलने का प्रावधान हो | स्मार्ट प्रिविलेज में मृत्यु या परिपक्वता से पूर्व किसी भी तरह के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है | ऐसा इस लिए है क्योंकि पूरी धनराशि का भुगतान एक साथ हो | जिसका प्रयोग आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है | हाँलाकि यूलिप पॉलिसियो में आंशिक निकासी कि व्यवस्था होती है ताकि किसी आपात स्थिति में पैसे की तरलता को सुनिश्चित किया जा सकता है |

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परिपक्वता लाभ

स्मार्ट प्रिविलेज में पालिसी की अवधि पूरी होने पर पोलसी परिपक्वव हो जाती है और परिपक्वता पर यदि आपकी पॉलिसी चालू अवस्था में है, तो पॉलिसी धारक को फण्ड वैल्यू  (पालिसी की सारे फण्ड की सभी यूनिटों को परिपक्वता के दिन की, NAV से गुणा करके जो धनराशि बनती है उसे फण्ड वैल्यू कहते है) का भुगतान किया जाता है | इसने पूरी अवधि में मिले लोयालिती एडिशन और उन पर मिली ग्रोथ भी सामिल होती है |

पर अगर आप कोई ऐसा उत्पाद चाहते है जो परिपक्वता पर आपको मिलने वाली राशि की गारंटी दे तो आप यहाँ क्लिक करिए और

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उदाहरण

रोहन की आयु 30 साल है  ने 20 साल के टर्म /अवधि के लिए   स्मार्ट प्रिविलेज की नियमित  भुगतान पॉलिसी ली है , जिसमे उसे पूरे 20 साल  तक  भुगतान करा है । इसके लिए रोहन को सालाना  15,00,000 रु का भुगतान अगले 20 साल तक करना होगा क्योंकि रोहन ने  नियमित भुगतान  का विकल्प चुना  है । 

20 साल के बाद पालिसी अवधि समाप्त होने के बाद रोहन की पालिसी पूरी हो जाती है और रोहन को इस पॉलिसी में परिपक्वता लाभ के रूप में 6 6,57,50,750 रु का भुगतान (8% की दर से) किया जाएगा । 

SBI लाइफ बच्चों के लिए एक और प्लान भी देती है| जिसका नाम स्मार्ट चैम्प है |इसके बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करिए

लोयलिटी एडीशन 

स्मार्ट प्रिविलेज पॉलिसी के अंतर्गत लोयालिटी एडिशन का प्रावधान है जो कि आपकी फण्ड वैल्यू को बढाने में मदद करता है | ये लोयालिटी एडिशन निम्न तालिका के अनुसार दिए जाते है :-

साल के आखिरी दिन  लोयालिटी एडिशन का प्रतिशत 
6 1.00%
10 2.50%
15 3.50%
20 5.00%
25 6.00%
30 7.00%

ध्यान देने योग्य बातें :-

लोयालिटी एडिशन चालू पालिसी में ही दिया जायेगा |

इसकी कैलकुलेशन फण्ड वैल्यू पर की जाएगी

लोयालिटी एडिशन की धनराशि आपके पालिसी में उस दिन की NAV के आधार पर अतिरिक्त यूनिट के रूप में जोड़ डी जाएगी |

लोयालिटी एडिशन की कैलकुलेशन के लिए पिछले 12 महीने की 1 तारीख की औसत फण्ड वैल्यू ली जाएगी

बंद पालिसी में लोयालिटी एडिशन नहीं मिलेगा हालाँकि जब भी इस पालिसी का पुनर्जीवन कराया जायेगा तो इस लोयालिटी एडिशनका भुगतान पुनर्जीवन के दिन कि NAV से कर दिया जायेगा |

मृत्यु लाभ

यदि पॉलिसी टर्म में कभी भी रोहन की दुर्भग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है तो स्मार्ट प्रिविलेज में निम्न में से जो सबसे ज्यादा होगा वो दिया जायेगा  :-

A मृत्यु के समय फण्ड वैल्यू   |

B आपका मूल बीमा धन में से आंशिक निकासी यदि कोई हुयी हो तो धटा कर  । मूल बीमाधन सीमित और नियमित प्रीमियम के लिए सालाना प्रीमियम का 7  गुना होता है |

C मृत्यु के समय तक दिए जा चुके कुल प्रीमियम का  105% ।

मृत्यु लाभ दो तरह से लिया जा सकता है | या तो आप इसे एक मुश्त ले सकते है या फिर आप इसे 2 से 5 साल के सालाना / छमाही / तिमाही या मासिक किश्तों के रूप में ले सकते है | आप इन दोनों में से कौनसा तरीका पर्योग करना चाहते है ये पूरी तरह से आपका फैसला होगा |

उदाहरण

रोहन की आयु 30 साल है  ने 20 साल के टर्म /अवधि के लिए   स्मार्ट प्रिविलेज की  नियमित  भुगतान पॉलिसी ली है , जिसमे 20  साल तक सीमित भुगतान कराना  है । इसके लिए रोहन को सालाना  15,00,000 रु का भुगतान अगले 20 साल तक करना होगा |

हम समझने के लिए ये मान कर चल रहे है कि 10 वें साल में साल में रोहन की मृत्यु हो जाती है तो, निम्न लाभ उपलब्ध होते है :-

रोहन के नॉमिनी को मृत्यु लाभ के रूप में 2,15,28,303  रु (8% कि दर से) का भुगतान किया जायेगा

मृत्यु लाभ का भुगतान एक मुश्त या किश्तों में लिये जाने का विकल्प चुनने कि सुविधा | यदि ग्राहक मृत्यु लाभ को दो से पांच साल की सालाना किश्तों में ले सकते है |

टैक्स लाभ

प्रीमियम का भुगतान करते समय

स्मार्ट प्रिविलेज पालिसी में दिए गए सारे के सारे प्रीमियम भारतीय आय कर अधिनियम 1961 के अंतर्गत दिए / बताये गए नियमानुसार कर मुक्त होते है | वर्तमान वित्तीय वर्ष 20-21 के लिए ये सीमा 1,50,000 है |

परिपक्वता लाभ लेते समय

स्मार्ट प्रिविलेज के अंतर्गत मिलने वाले परिपक्वता लाभ  पर वर्तमान आयकर  के नियम लागू होते है | स्मार्ट प्रिविलेज में  चूंकि सालाना प्रीमियम 2,50,000 रु से ज्यादा है इसलिए परिपक्वता पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंन लगेगा |

मृत्यु लाभ लेते समय

वर्तमान आयकर नियमानुसार स्मार्ट प्रिविलेज में मिलने वाले मृत्यु लाभ  भी आय कर के नियमानुसार ही  ट्रीट किये जायेगे  |

यूलिप के विशेष लाभ

स्विचिंग विकल्प

स्मार्ट प्रिविलेज एक यूलिप प्लान है, इस प्लान में निवेश के लिए ग्राहक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार उपलब्ध  8 फंडों में से किसी एक या एक से ज्यादा फण्ड का चयन कर सकता है । संभव है कि ग्राहक ने जिस फण्ड का चुनाव किया है वह उसकी ग्रोथ से संतुष्ट ना हो या उसका चुना हुआ फण्ड अब उसे ज्यादा जोखिम वाला लग रहा हो, और ग्राहक अपना फैसला बदलना चाहता हो । इसलिए ग्राहक को अपने चुने हुए फंड को बदलने का विकल्प स्मार्ट प्रिविलेज में उपलब्ध है | इसी विकल्प को स्विचिंग कहते हैं ।

स्विचिंग की न्यूनतम राशि ₹5000 होनी चाहिए ।

एक पॉलिसी वर्ष में, अनिश्चित  स्विच बिल्कुल मुफ्त दिए जाते हैं ।

प्रीमियम रीडायरेक्शन का विकल्प

आप जब भी यूलिप में निवेश करते है तो उसमें आपको एक या ज्यादा फंड्स का चुनाव कर सकते है । अब जब भी आप अगला प्रीमियम इस पॉलिसी में डालेंगे, तो ये नया प्रीमियम आपकी पॉलिसी के उसी / उन्हीं फंड्स में उन्ही अनुपात में स्वयं निवेशित हो जाएगा, जो आपने पालिसी लेते समय चुने थे । लेकिन हो सकता है कि ये फण्ड पॉलिसी लेते समय की पसंद रहे हो,और अब आप इनमे बदलाव करना चाहते है | अगर आप अपने नए प्रीमियम को निवेश के समय ही किसी और फण्ड में लगाना चाहते है, तो ऐसा आप प्रीमियम रीडारेक्शन सुविधा का प्रयोग करके कर सकते है ।

आंशिक निकासी का विकल्प

आप जब भी किसी योजना में निवेश करते है, तो उस निवेश को करते समय हम ये भी देखते है कि इस उत्पाद में लचीलापन (फ्लैक्सिबिलिटी) कितनी है । यूलिप प्लान (स्मार्ट प्रिविलेज ) आपको पॉलिसी के पांच  बाद और आयु 18 साल पूरे होने पर आंशिक / कुछ राशि, निकालने की सुविधा देता है, जिससे आपकी आपातकालीन (इमरजेंसी) जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके लिए सामान्यत आपको ये ध्यान रखना होगा :-

साल में  2 आंशिक निकासी मुफ्त है | इसके बाद हर निकासी पर 100 रु का शुल्कक लगेगा |

एक साल में अधिकतम  4 और  पूरी पॉलिसी अवधि में अधिकतम 10 आंशिक निकासी की सुविधा का प्रावधान है ।

एक बार मे न्यूनतम 5000 रु की निकासी की जा सकती है जो कि 1000 के गुणको में बढ़ाई जा सकती है, पर किसी भी समय आपकी अधिकतम आंशिक निकासी, आपकी उस समय की फण्ड वैल्यू का 15% से ज्यादा नही हो सकती ।

यदि किसी समय आपकी फण्ड वैल्यू निवेश किये गए कुल प्रीमियम का 50% या कम हो गयी हो तो आंशिक निकासी का विकल्प नही मिलेगा ।

फंड्स

स्मार्ट प्रिविलेज में आपको 9 विभिन्न फंड्स में से किसी एक या एक से ज्यादा को चुनने का विकल्प है । ये 9 फण्ड और इनके कम्पोजीशन आपके चुनाव की सुविधा के लिए नीचे दिए गए है :-

1 इक्विटी फण्ड

उद्देश्य :-  इक्विटी में ज्यादा निवेश करके लंबे समय मे ज्यादा रिटर्न्स सुनिश्चित करना ।

फण्ड की संरचना :- इक्विटी में 80% से 100% तक, बांड में 0% से 20% तक मनी मार्किट 0% से 20%

रिस्क जोखिम :- ज्यादा या उच्च

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  12.13% सालाना

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :-  11.10% जबकि बेंचमार्क ने इसी अवधि के लिए 10.49% का रिटर्न दिया है

फण्ड बनने की तारीख :- 10-फरबरी-2010

बेंचमार्क :- निफ्टी 50 (80%) और LiquiFEX (20%)

2 टॉप 300 फण्ड

उद्देश्य :-  बाजार मूल्य के आधार पर भारत की सबसे बड़ी 300 कंपनियों के शेयर / इक्विटी में ज्यादा निवेश  करके लंबे समय मे ज्यादा रिटर्न्स सुनिश्चित करना ।

फण्ड की संरचना :- इक्विटी में 60% से 100% तक, मनी मार्किट और कैश में 0% से 40% तक

रिस्क जोखिम :-  ज्यादा या उच्च

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  14.12% सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 12.29 % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :-  11.83% सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 09.68  % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने की तारीख :-  07-Jan-10

बेंचमार्क :-  Nifty 50 (80%) Liqui FEX (20%)

3 इक्विटी ऑप्टिमाइज़र फण्ड

उद्देश्य :- लंबे समय मे शेयर में पैसा लगा कर बेहतर रिटर्न्स निकालना

फण्ड की संरचना :-  इक्विटी 40% से 90% तक, बॉण्ड में 10% से 40% तक और मनी मार्किट में 0% से 40% तक

रिस्क जोखिम :- उच्च या ज्यादा

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :- 13.17 % सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 12.29  % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 9.61% सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 7.60 % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने की तारीख :- 21-Jan-08

बेंचमार्क :-  Nifty 50 (80%) LiquiFEX (20%)

4 ग्रोथ फण्ड

उद्देश्य :- लंबे समय मे शेयर के साथ-साथ कुछ पैसा बॉन्ड और मनी मार्किट में पैसा लगा कर बेहतर रिटर्न्स निकलना

फण्ड की संरचना :- इक्विटी 40% से 90% तक, बॉण्ड में 10% से 60% तक और मनी मार्किट में 0% से 40% तक

रिस्क जोखिम :-  माध्यम से उच्च

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :- 12.19% सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 12.14 % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 12.23% सालाना का रहा है जबकि इसी अवधि में बेचमार्क ने 10.85 % का रिटर्न दिया है |

फण्ड बनने की तारीख :- 24-Nov-05

बेंचमार्क :-  Nifty 50 (70%) CompBex (30%)

5  मिडकैप फण्ड

उद्देश्य :- लंबे समय मे शेयर में (विशेष कर मिडकैप में) निवेश करके बेहतर रिटर्न्स निकलना

फण्ड की संरचना :- इक्विटी 80% से 100% तक, बॉण्ड में 0% से 20% तक और मनी मार्किट में 0% से 20% तक

रिस्क जोखिम :-  उच्च   

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :- 16.18%

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 17.55 % जबकि बेंचमार्क ने इसी अवधि के लिए 13.87% का रिटर्न दिया है  |

फण्ड बनने की तारीख :- 15 जून 2016

बेंचमार्क :- NIFTY Free  Float Midcap 100

6 बैलेंस फण्ड

उद्देश्य :- इक्विटी और बांड में निवेश करके पैसे की ग्रोथ सुनिश्चित करना जिसमे पैसे की ग्रोथ और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके |

फण्ड की संरचना :- इक्विटी 40% से 60% तक, बॉण्ड में 20% से 60% तक और मनी मार्किट में 0% से 40% तक

रिस्क जोखिम :- मध्यम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  10.64 %

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 10.84 % जबकि बेंचमार्क ने इसी अवधि के लिए 10.18 % का रिटर्न दिया है  |

फण्ड बनने की तारीख :-  5-Dec-05

बेंचमार्क :- Nifty 50 (50%) CompBex (50%)

7 बॉन्ड फण्ड

उद्देश्य :- तुलनात्मक रूप से सुरक्षित बांड फण्डस में निवेश करके सुरक्षित तरीके से पैसे बढ़ाना ।

फण्ड की संरचना :- बांड 60% से 100%, 0% से 40% मनी मार्किट में

रिस्क जोखिम :- कम से मध्यम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  6.82%

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 08.85 % जबकि बेंचमार्क ने इसी अवधि के लिए 07 .71 % का रिटर्न दिया है  |

फण्ड बनने की तारीख :-  10-Jan-05

बेंचमार्क :- CRISIL CompBex

8 बॉन्ड ऑप्टिमाइज़र फण्ड

उद्देश्य :- राजकीय बॉन्ड, कॉर्पोरेट बांड, मनी मार्किट के साथ-साथ इक्विटी में भी निवेश करके केवल बांड से ज्यादा रिटर्न्स निकालना ।

फण्ड की संरचना :- इक्विटी 0% से 25% तक, बॉन्ड 75% से 100% तक, मनी मार्किट 0% से 25% तक

रिस्क जोखिम :- कम से मद्यम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  NA (अभी इस फण्ड के 5 साल पूरे नहीं हुए है )

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 18.58 % जबकि  इस  फण्ड का कोई  बेंचमार्माक  नहीं है |

फण्ड बनने की तारीख :-  24-Jan-19

बेंचमार्क :- NA

9 कॉर्पोरेट बांड फण्ड

उद्देश्य :- माध्यम अवधि के कॉर्पोरेट बांड, में निवेश करके औसत रिटर्न्स निकालना ।

फण्ड की संरचना :- कॉर्पोरेट बांड  70% से 100% तक, सरकारी सिक्योरिटी 0 % से 30% तक, मनी मार्किट 0% से 30 % तक

रिस्क जोखिम :- कम से मद्यम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  NA (अभी इस फण्ड के 5 साल पूरे नहीं हुए है )

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 09.20 % जबकि  इस  फण्ड का कोई  बेंचमार्माक  नहीं है |

फण्ड बनने की तारीख :-  24-Jan-19

बेंचमार्क :- NA

10 प्योर फण्ड

उद्देश्य :-  इक्विटी में ज्यादा पैसा लगाकर लंबे समय मे बेहतर रिटर्न्स निकालना ।

इक्विटी में निवेश करते समय  निम्न क्षेत्र की इक्विटी में पैसा नही लगाया जाता ये क्षेत्र है बैंक, वित्तीय संस्थान,शराब, विभिन्न पेय,  एल्कोहल और तम्बाकू के काम, मनोरंजन, होटल, जुआ, लाटरी, चमड़ा, पशु उत्पाद, चीनी, और  मुर्गी फार्म

इस फण्ड को हम आम बोल-चाल की भाष में शरिया फण्ड भी कहते है, ऐसा इसलिये है क्योकि  इस्लामिक मान्यताओ में इस सब मे निवेश को परहेज मन जाता है ।

फण्ड की संरचना :-  इक्विटी 80% से 100% तक, गवर्मेंट बांड में 0% से 20% तक

रिस्क जोखिम :- उच्च

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :- NA (अभी इस फण्ड के 5 साल पूरे नही हुए है)

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 12.10 % जबकि  इस  फण्ड का कोई  बेंचमार्माक  नहीं है |

फण्ड बनने की तारीख :- 15-Jun-16

बेंचमार्क :- NA

11 मनी मार्किट फण्ड

उद्देश्य :-  बाजार की अस्थिरता के समय मे आपके निवेश के लिये पार्किंग स्लॉट के रूप में कुछ समय तक के लिए उपयुक्त फण्ड है ।

फण्ड की संरचना :-  बांड 0% से 20% तक, मनी मार्किट 80% से 100% तक

रिस्क जोखिम :-  कम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :- 5.37 %

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :- 6.74 % जबकि  इस  जबकि बेंचमार्क ने इसी अवधि के लिए 6.94% का रिटर्न दिया है  |

फण्ड बनने की तारीख :- 1-Feb-06

बेंचमार्क :-  CRISIL TBill Index

12 पॉलिसी डिसकंटिन्यू फण्ड (केवल उन पॉलिसियों के लिए जो बंद हो गयी है)

उद्देश्य :- बाजार की अस्थिरता को बचाते हुए पूरी तरह से स्थिर बाजार वाले फण्ड में आपकी उन पॉलिसियों का पैसा, जिनमे प्रीमियम जमा नही हो रहां है,  उनको  पॉलिसियों के पांच साल पूरे होने तक पार्क रखना ।

फण्ड की संरचना :-  बांड 60% से 100% तक, मनी मार्किट 0% से 40% तक

रिस्क जोखिम :-  कम

पिछले 5 साल के रिटर्न्स :-  5.61%

फण्ड बनने से अब तक के रिटर्न्स :-  6.57 % सालाना  (जबकि सरकार के निर्देशों के अनुसार 4% का रिटर्न ही देने का निर्देश है)

फण्ड बनने की तारीख :-  11-Apr-11

बेंचमार्क :- NA

ध्यान रहे कि इस ब्लॉग में फण्ड की सारी परफॉरमेंस SBI लाइफ के फरबरी-22 के न्यूज़ लेटर के आधार पर है |

स्मार्ट प्रिविलेज प्लान में चार्ज

किसी भी यूलिप प्लान की तरह ही स्मार्ट प्रिविलेज प्लान में भी निवेश का पूरा जोखिम या जिम्बेदारी ग्राहक या निवेशक की ही होती है | इस प्लान में भी अन्य यूलिप प्लान की तरह कुछ चार्ज होते है | इन्हें दो कैटेगरी में बाँट सकते है | पहला जो नियमित है और दूसरा वो जो तभी लगेगा जब आप उस सुविधा का प्रयोग करेंगे | आइये इन चार्जस के बारे में समझ लेते है |

ध्यान रहे कि यूलिप प्लान में कोई भी चार्ज की वसूली अलग से नहीं की जाती, बल्कि सारे चार्जेस आपकी यूनिट को कैंसिल करके ली जाती है | समझने के लिए आप ऐसे मान ले कि आपका कोई चार्ज 100 रु हुआ और आपकी NAV 80 रु चल रही है, तो आपकी 1.25 यूनिट कैंसिल हो जाएगी |

नियमित चार्जेज

1) प्रीमियम एलोकेशन चार्ज

ये चार्ज तब लिया जाता है जब आप प्रीमियम देते है | ये हर साल के लिए अलग-अलग होता है | स्मार्ट प्रिविलेज के लिए , ये निम्न प्रकार से होता है :-

साल सिमित और नियमित  प्रीमियम सिंगल प्रीमियम
1 से 5 साल तक 2.50% 2.00%
6 साल और आगे कोई चार्ज नहीं कोई चार्ज नहीं

2) फण्ड मैनेजमेंट चार्ज

कोई भी बीमा कंपनी आपके फण्ड को मैनेज करती है, जिसके लिए इन्हें बड़े-बड़े और महँगे फण्ड मैनेजर कि न्युक्ति करनी होती है | इसलिए आपकी बीमा कंपनी चार्ज लेती है | इसे फण्ड मैनेजमेंट चार्ज कहते है | ये हर फण्ड के लिए अलग-अलग होता है, और उस फण्ड में जितना पैसा है उतने पर ही लगता है | इस चार्ज को प्रतिदिन NAV का निर्धारण करते समय एडजेस्ट कर लिया जाता है, इसलिए इसे चार्ज में जोड़ के नहीं देखा जाना चाहिये | फिर भी ये निम्न प्रकार होता है :-

बैलेंस फण्ड, के लिए 1.25% है  ,

इक्विटी फण्ड, प्योर फण्ड और मिड कैप , Top 300, इक्विटी ऑप्टिमाइज़र और ग्रोथ  फण्ड के लिए ये 1.35% है

बांड ऑप्टिमाइज़र और कॉर्पोरेट बांड फण्ड के लिए 1.15%

बांड फण्ड के लिए 1%

मनी मार्किट फण्ड के लिए 0.25%

पॉलिसी डिसकंटिन्यू फण्ड के लिए 0.5%

3) मोर्टिलिटी चार्ज

आप जो भी प्रीमियम देते है उस पर बीमा कम्पनी आपको बीमा कवर देती है | इस बीमा कवर के लिए आपको जो चार्ज देना होता है, उसे मोर्टिलिटी चार्ज कहते है |

स्मार्ट  प्रिविलेज  में  ये उतनी ही धनराशि के लिए काटा जाता है जितनी धनराशि का जोखिम कंपनी पर होता है  | इसे SUM at Risk कहा जाता है | इसी लिए स्मार्ट  प्रिविलेज (टाइप 1 यूलिप पालिसी)के  लिए जैसे ही फण्ड वैल्यू बीमा धन के बराबर हो जाती है ये चार्ज कटना बंद हो जाता है | यानि कि स्मार्ट प्रिविलेज के गोल्ड विकल्प में  मोर्टिलिटी चार्ज हर साल के साथ-साथ घटता रहता है |

4 ) पालिसी एडमिन चार्ज

ये चार्ज आपकी पालिसी को मैनेज करने के लिए लिया जाता है, जो हर पालिसी के लिए अलग-अलग होता है | अभी नियमित और सीमित  पालिसी के लिए ये चार्ज पूरे पालिसी टर्म के लिए शून्य है |

4 ) एक्सिडेंटल बेनिफिट चार्ज

एक्सिडेंटल बेनिफिट की सुविधा स्मार्ट प्रिविलेज में नहीं है |

प्रयोग करने पर ही लगने वाले चार्जेज

1) डिसकॉन्टिनुएशन चार्ज (सिंगल प्रीमियम के लिए)

अगर आपकी यूलिप पालिसी का ग्रेस पीरियड में पैसा जमा नहीं हो पाया है तो सबसे पपाया हिले तो आपका बीमा कवर समाप्त हो जायेगा और बीमा कंपनी आपको अगले 15 दिन में एक नोटिस देगी कि आप अपना बकाया प्रीमियम जमा करा दीजिये| इसके लिए आपको 30 और दिन का समय दिया जायेगा | अगर इन 30 दिनों में भी बकाया जमा नहीं हो पाया तो 30 दिन समाप्त होंगे आपकी पालिसी डिसकॉन्टिन्यू हो जाएगी |

पालिसी के डिसकॉन्टिन्यू होने पर आपकी पालिसी से एक चार्ज काट कर आपका पैसा डिसकॉन्टिनुएशन फण्ड में डाल दिया जायेगा, जहाँ वो आपकी पालिसी के पांच साल पूरे होने तक रहेगा | और पांच साल पूरे होने पर आपको आपका पैसा वापस कर दिया जायेगा |  इस समय के लिए आपको 4% का सालाना चक्रवृद्धि ब्याज भी दिया जायेगा | ये चार्ज भारत की हर कंपनी की यूलिप पालिसी में एक सामान ही रहता है |

 

पालिसी बंद होने का साल 50,000 से ज्यादा के सालाना प्रीमियम पर
1 सिंगल प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 1 % या 6000 रु मे से जो कम होगा |
2 सिंगल प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 0.70  % या 5000 रु मे से जो कम होगा |
3 सिंगल प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 0.50 % या 4000 रु मे से जो कम होगा |
4 सिंगल प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 0.35 % या 2000 रु मे से जो कम होगा |
5साल के बाद कोई चार्ज नहीं लगेगा

2) डिसकॉन्टिनुएशन चार्ज (नियमित और सीमित प्रीमियम के लिए)

पालिसी बंद होने का साल सीमित प्रीमियम के लिए
1 सालाना प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 6 % या 6000 रु में से जो कम होगा |
2 सालाना प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 4 % या 5000 रु में से जो कम होगा |
3 सालाना प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 3 % या 4000 रु में से जो कम होगा |
4 सालाना प्रीमियम या फण्ड वैल्यू का 2 % या 2000 रु में से जो कम होगा |
5 वें साल के बाद कोई चार्ज नहीं लगेगा

2) स्विचन चार्ज

एक साल में पालिसी में आपको असीमित  स्विचिंग फ्री मिलते है | यानि कि अगर आप बाज़ार पर पकड रखते है तो एक पालिसी वर्ष में आप असीमित बार अपने फण्ड को कहीं भी स्विच करके ज्यादा से ज्यादा ग्रोथ ले सकते है |

3) प्रीमियम रीडारेक्शन चार्ज

अगर आप पालिसी में, साल में एक से ज्यादा प्रीमियम रीडारेक्शन की  सुविधा का प्रयोग कर सकते है , आपकी सुविधा के लिए ये असीमित  संख्या में फ्री यानि कि बिना किसी चार्ज के उपलब्ध है |

4)आंशिक निकासी चार्ज

किसी भी यूलिप पोलिसी में आंशिक निकासी का विकल्प आम तौर से उपलब्ध होता है | इनमे से कुछ आंशिक निकासियाँ फ्री होतो है | इस फ्री आंशिक निकासी पर कोई पैसा नहीं लगता | अगर आप इससे ज्यादा बार आंशिक निकासी का प्रयोग करते है तो आपको इस अतिरिक्त सुविधा का कुछ चार्ज देने पड़ता है |

स्मार्ट प्रिविलेज के लिए साल में दो  मुफ्त आंशिक  निकासी के बाद हर आंशिक निकासी पर  100 रु प्रति अतिरिक्त निकासी  का  शुल्क  दे है |

5) पुनर्जीवन पर मेडिकल चार्ज

जब भी आपकी पालिसी प्रीमियम का समय पर भुगतान ग्रेस पीरियड में न हो पाने के कारण आपकी पालिसी बंद हो जाती है | इसी बंद पालिसी को जब आप दोबारा शुरू करना चाहते है, तो बीमा कंपनी इस पालिसी का जोखिम आंकलन नयी पालिसी की तुलना में ज्यादा सतर्कता से करती है |

इसका कारण ये है कि बीमा कम्पनी को लगता है कि पालिसी ली तो बंद क्यों हुयी, और बंद हुयी तो अब दोबारा शुरू क्यों करवाई जा रही है | कहीं ऐसा तो नहीं कि ग्राहक को कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हो गयी | इसी की संतुष्टि के लिए बीमा कंपनी ग्राहक का मेडिकल टेस्ट करा सकती है | यदि ये टेस्ट करवाया जाता है तो इसका पैसा ग्राहक से लिया जाता है | जबकि यदि यही मेडिकल नयी पालिसी लेते समय करवाया जाता तो मेडिकल का पैसा बीमा कंपनी देती है |

अन्य लाभ

उच्च बीमा धन पर छूट

क्योंकि स्मार्ट प्रिविलेज एक यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है, इसलिए इस तरह के बाजार आधारित प्लानो में उच्च बीमा धन छूट का विकल्प उपलब्ध नहीं होता है ।

फ्री लुक

आप अपनी पोलिसी का बांड मिलने के बाद एक बार फिर से अपनी पालिसी लेने के फैसले पर विचार कर सकते है ये अवधि 15 दिन की होती है और ये आपको आपकी पालिसी बांड मिलने के दिन से शुरू होती है | अगर आप इस विकल्प का प्रयोग करते है तो आपको आपका जमा किया गया प्रीमियम वापस कर दिया जायेगा पर इसमें से इतने समय तक के चार्ज / मेडिकल चार्ज अगर आपका मेडिकल हुआ हो तो काट लिया जायेगा |

स्टाफ डिस्काउंट

अगर आप SBI बैंक, या SBI लाइफ इंश्योरेंस SBI द्वारा वित्त पोषित RRB या स्टेट बैंक के किसी भी सहायक कंपनी में या तो स्वयं काम करते है या उनके जीवन साथी या उनके बच्चे है या VRS ले चुके है तो आपको स्मार्ट प्रिविलेज प्लान लेने पर टेबूलर प्रीमियम पर सालाना प्रीमियम अलोकेशन पर विशेष / अतिरिक्त छूट का प्रावधान उपलब्ध है | ये सुविधा इसमें काम कर रहे या काम कर चुके दोनों तरह के लोंगो के लिए है | इसमें स्टाफ के लोंगो से कम चार्ज लगता है |

पालिसी लोन / ऋण 

स्मार्ट प्रिविलेज चूंकि एक यूलिप प्लान है इसलिए इस मे पॉलिसी पर लोन या ऋण नही मिलता बल्कि यूलिप में इस कमी को आंशिक निकासी के द्वारा पूरा किया जाता है । जिसके बारे में ऊपर बताया जा चुका है।

अनुग्रह अवधि

किसी भी परिस्थिति मे यदि आप निर्धारित समय अवधि पर अपना प्रीमियम जमा नहीं कर पाते है तो आपको बीमा कंपनी कुछ दिनों की  छूट अपनी तरफ से देती है | सालाना, छमाही और तिमाही प्रीमियम की दशा में ये छूट 30 दिन की होती है और मासिक प्रीमियम की स्थिति में ये छूट 15 दिन की होती है |

अगर आप इस अवधि में अपना प्रीमियम जमा करा देते है तो उसे समय पर जमा किया हुआ मान लिया जायेगा और इस अवधि में आपको किसी तरह का कोई ब्याज नहीं देना  होगा |

नामांकन

स्मार्ट प्रिविलेज में नामांकन की सुविधा उपलब्ध है

समनुदेशन

स्मार्ट प्रिविलेज मे आपको समनुदेशन की सुविधा दी गयी है |

रायडर

स्मार्ट प्रिविलेज में कोई भी रायडर उपलब्ध है |

पॉलिसी का बंद हो जाना

यदि किसी पोलिसी में अनुग्रह अवधि में प्रीमियम जमा नहीं हो पाया है तो पालिसी को बंद माना जायेगा | ऐसा पूरी पालिसी अवधि में दो समय पर हो सकता है | इस दोनों ही स्थितियों में क्या- क्या होगा, इसे एक-एक कर समझ लेते है :-

पालिसी के पाहिले पांच साल में

पालिसी के बंद हो जाने पर पॉलिसी डिसकंटिन्यू चार्ज कट कर आपका सारा पैसा पॉलिसी डिसकंटिन्यू फण्ड में डाल दिया जाता है | कंपनी आपके पहिले बकाया प्रीमियम से अगले 30 दिन में आपको पालिसी की स्थिति बताएगी | इसके बाद आपके पास दो विकल्प उपलब्ध है जो निम्न है :-

  1.  पहिले बकाया प्रीमियम से 3 साल में पालिसी का रिवाईवल / पुनर्जीवन करा  सकते है | अगर आप अपनी पालिसी का रिवाईवल करते है तो पालिसी पूरे फायदों के साथ फिर से शुरू हो जाएगी |

  2. आप अपनी पालिसी का रिवाईवल नहीं करवाना चाहते, तो आपका पैसा पॉलिसी डिसकंटिन्यू फण्ड से छठे साल के पहिले दिन आप  को दे दिया जायेगा |

पांच साल के बाद

यदि आपकी पालिसी पांच साल पूरे होने के बाद बंद होती है तो आपकी पालिसी चुकता हो जाएगी | इसके लिए आपकी पालिसी का चुकता मूल्य निकाला जायेगा | चुकता पालिसी में  प्रीमियम वेवर को छोड़ कर (अगर ये सुविधा आपकी पालिसी में है तो ), सारे चार्ज रिवाईवल पीरियड में कटते रहेंगे | हालाँकि मोर्टिलिटी और एक्स्सिडेंटल रायडर के चार्ज अब चुकता मूल्य के आधार पर ही कटेगे |

कंपनी आपको अगले तीन महीने में सूचना देगी | इसके बाद आप इस पालिसी को दोबारा चालू करना चाहें तो करवा सकते है या अपनी पोलिसी के सारे पैसे ले कर पालिसी को बंद कर सकते है |

समर्पण

स्मार्ट प्रिविलेज प्लान में सरेंडर सुविधा पूरे पालिसी अवधि में किसी भी समय किया जा सकता है | हालाँकि यदि एक बार पालिसी का समर्पण करदिया गया हो तो फिर उसे पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है | समर्पण के लिए समय के नज़रिए से दो परिस्थिति हो सकती है | इस दोनों परिस्थितियों में क्या- क्या होगा, इसे एक-एक कर समझ लेते है :-

पहिले 5 साल में समर्पण

पहले पांच साल में यूलिप पालिसी में लॉक इन लागू होता है |  इसलिए आपकी फण्ड वैल्यू में से पॉलिसी डिसकंटिन्यू चार्ज कट कर बचा हुआ सारा पैसा पॉलिसी डिसकंटिन्यू फण्ड में ट्रान्सफर कर दिया जायेगा, इसपर आपको 4% सालाना चक्रवृद्धि (सरकारी नियमानुसार जबकि SBI लाइफ इससे कंही ज्यादा का ब्याज दे रही है) की दर से ब्याज मिलता रहेगा | इस स्थिति में न तो बीमा कवर चलेगा और न ही प्रीमियम वेवर रायडर चलेगा  (अगर ये रायडर इस पालिसी में हुआ तो) | जैसे जी पालिसी के पांच साल पूरे होगे (छठे साल के पहिले दिन) पालिसी का पैसा पालिसी धारक के खाते में ट्रान्सफर कर दिया जाता  है |

5 साल पूरे होने के बाद समर्पण

यदि किसी  पालिसी ने  समर्पण के समय अपने पांच साल पूरे कर लिए है तो इस पालिसी का पैसा (जो कि फण्ड वैल्यू होगी) का भुगतान तुरंत कर दिया जायेगा |

पुनर्जीवन

यदि किसी कारण आपकी पालिसी बंद हो गयी हो, तो आप इस पालिसी को अगले तीन साल तक पिछला सारा बकाया प्रीमियम (बिना ब्याज के) देकर पुनर्जीवित करा सकते है। आपकी पोलिसी का पुनर्जीवित होगी कि नहीं, इसका निर्णय बीमांकनकर्ता ही करेगा और वही मान्य होगा | इस पालिसी के पुनर्जीवन के बाद आप अपनी पालिसी की सारी सुविधाये फिर से पा सकते है |

पालिसी का पुनर्जीवन की स्थिति पूरे पालिसी में दो समय हो सकती है | (ऐसा इस लिए होता है क्योंकि इस तरह की पॉलिसी में निवेश का जोखिम पूरी तरह से ग्राहक का होता है) |आइये इन्हें एक-एक करके समझ लेते है :-

पांच साल के लॉक इन मे

पालिसी का पुनर्जीवन, अंतिम बकाया प्रीमियम से, तीन साल के अन्दर करा सकते है | पुनर्जीवन होने पर आपके काटे गए डिसकंटिन्यूड चार्ज वापस करके आपकी फण्ड वैल्यू रिवाइवल के दिन की NAV के आधार पर वापस उन्ही फण्ड में डाल दी जाएगी | बीमा कवर के साथ ही पालिसी के सारे फायदे दुबारा शुरू हो जायेंगे |

पांच साल का लॉक इन समाप्त होने के बाद

यदि आप अपनी पालिसी का पुनर्जीवन लॉक इन अवधि के समाप्त होने के बाद करते है, तो पुनर्जीवन होने पर आपकी फण्ड वैल्यू रिवाइवल के दिन की NAV के आधार पर वापस उन्ही फण्ड में डाल दी जाएगी | बीमा कवर के साथ ही पालिसी के सारे फायदे दुबारा शुरू हो जायेंगे |

निष्कर्ष
यदि आप अपनी स्मार्ट प्रिविलेज पालिसी को लम्बे समय के लिए लेंगे तो आपको बहुत बहुत ही अच्छे रिटर्न मिलने कि सम्भावना है | बस जो बात ध्यान रखनी है वो ये कि आप इसे बीच में बंद न करें और निवेश में जोखिम उठाने के लिए तैयार रहे | अगर आप 30 साल  से ज्यादा का पालिसी टर्म इक्विटी फण्ड के साथ ले रहे है तो, इक्विटी फण्ड में झोखिम तो है पर रिटर्न भी बहुत ही बेहतर मिलने की सम्भावना है |